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India’s first 5-G Test Bed
- May 23, 2022
- Posted by: Admin
- Category: Current Affairs Science and Technology
India’s first 5-G Test Bed
Prime Minister Narendra Modi recently inaugurated India’s first 5G testbed, which is set up at Rs 220 crore.
What is the objective of establishing a 5G testbed?
The objective is to enable the telecom industry to test and validate their products within India and reduce their dependence on facilities abroad. Thus, this 5G testbed is an important step in India’s self-reliance in the area of modern technologies. The 5G testbed facility will be available at 5 different locations in the country.
Recently, Union IT minister Ashwini Vaishnaw made India’s first 5G call at IIT Madras, which is one of the biggest moments for India’s first 5G testbed. This test call was operated on the mid-tier spectrums of the High 5G Frequency Bands.
Which institutes were involved in the 5G testbed project?
The 5G testbed is a multi-stakeholder collaborative project by eight institutes and led by IIT Madras. The other seven institutes are IIT Delhi, IIT Hyderabad, IIT Bombay, IIT Kanpur, IISc Bangalore, and Society for Applied Microwave Electronics Engineering & Research (SAMEER) and Centre of Excellence in Wireless Technology (CEWiT).
What are the benefits of 5G technology?
The advantages of the 5G network include better call connectivity, better voice clarity, reduction in call drops, quick connections, etc. It is estimated that 5G technology will contribute USD 450 billion to India’s economy in the next decade.
भारत का पहला 5-जी टेस्ट बेड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत के पहले 5G टेस्टबेड का उद्घाटन किया, जिसे 220 करोड़ रुपये में स्थापित किया गया है।
5G टेस्टबेड स्थापित करने का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य दूरसंचार उद्योग को भारत के भीतर अपने उत्पादों का परीक्षण और सत्यापन करने और विदेशों में सुविधाओं पर उनकी निर्भरता को कम करने में सक्षम बनाना है। इस प्रकार, यह 5G टेस्ट बेड आधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 5G टेस्ट बेड की सुविधा देश में 5 अलग-अलग जगहों पर उपलब्ध होगी।
हाल ही में, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने IIT मद्रास में भारत की पहली 5G कॉल की, जो भारत के पहले 5G परीक्षण के लिए सबसे बड़े क्षणों में से एक है। यह परीक्षण कॉल हाई 5G फ्रीक्वेंसी बैंड के मध्य-स्तरीय स्पेक्ट्रम पर संचालित की गयी थी।
5G टेस्टेड प्रोजेक्ट में कौन से संस्थान शामिल हैं?
5G परीक्षण आठ संस्थानों द्वारा और IIT मद्रास के नेतृत्व में एक बहु-हितधारक सहयोगी परियोजना है। अन्य सात संस्थान IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर और सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT) हैं।
5G तकनीक के फायदे
5G नेटवर्क के फायदों में बेहतर कॉल कनेक्टिविटी, बेहतर वॉयस क्लैरिटी, कॉल ड्रॉप्स में कमी आदि शामिल हैं। यह अनुमान है कि 5G तकनीक अगले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डालर का योगदान देगी।
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